गोरखपुर कांड – हादसा या हत्या !

गोरखपुर बी आर डी मेडिकल कॉलेज हादसा

कल तक जिन बच्चों के गोदी में आने से घर पर खुशिया मनाई जा रही थीं आज उन्हीं के गोदी में आने से गम का माहौल है; फर्क सिर्फ इतना है कल वे बच्चे पैदा हुए थे आज उनका शव है उसी गोदी में। उन मासूम बच्चों की मृत्यु का कारण BRD Medical College में हुयी ऑक्सीजन की कमी को बताया जा रहा है। जी हां, आपने सही सुना ऑक्सीजन जिसे जीवन के लिए जरुरी मन गया है उसी ऑक्सीजन की कमी से कई मासूमों की जानें चली गयी। कई माँओं की गोद सुनी हो गयी गोरखपुर में जो हादसा हुआ। वास्तव में यह एक हत्या है निर्दोष बच्चों की; दरसअल ये एक करप्शन का ही केस है। पेमेंट के लिए फाइल अटकी रहती है, टेबल दर टेबल भटकती रहती है, इसमें पहिये लगा दो रिश्वत के फिर देखो किस तेजी से फाइल दौड़ती है ।

ऑक्सीजन प्रदान करने वाली कंपनी नें कितनी चेतवानी दी होगी बंद करने से पहले क्योंकि उनको परिणाम का पता होगा; साथ ही साथ कॉलेज प्रशासन को भी। इसमें योगी सरकार का दोष नहीं बल्कि दोष सिस्टम का है, भ्रष्ट अफसरों का है; जिस प्रकार रेल हादसे में मंत्री का कोई कसूर नहीं होता। पर नैतिकता के नाम पर इस्तीफा तो बनता है, योगी का न सही यूपी के हेल्थ मिनिस्टर को तो इस्तीफा देना ही चाहिए । परंतु अहंकार में इस्तीफा न माँगा, न मंत्री द्वारा दिया गया; इस सरकार में इस्तीफा बंद ही है । अब सरकार बेचारी विधायक खरीदने में व्यस्त है, 3000 करोड़ वर्षगांठ मानाने में खर्च कर दिए। और इस हादसे नें सरकार के 300 दिन धूम-धाम मानाने पर पानी फेर दिया। मंत्री जी नें कह ही दिया अगस्त में तो बच्चे वैसे भी मरते हैं ।

इतने बड़े हादसे पर Good Governance की बात करने वाले मोदी जी नें भी कोई एक्शन नहीं लिया क्योंकि उनको पता है 15 अगस्त पर लाल किले से थोड़े आंसू छलकानें हैं और सब बंद। दर असल इस कुर्सी में ही कुछ ऐसा है इस पर बैठते ही सब मौनी बाबा बन जाते हैं। ये ऐसा हत्या कांड है जिसमें किसी दोषी को सजा नहीं मिलेगी । मिलेगा तो ट्रांसफर या एक दो अधिकारीयों को ससपेंड कर दिया जायगा। असल में गाज गिरनी चाहिए मंत्री पर । क्योंकि एक मंत्री 100 अफसरों पर गाज गिरायेगा और 100 अफसर 1000 बाबुओं पर। और जब 1000 बाबुओं पर गाज गिरेगी तो पूरे सिस्टम में काम करने वालो की अकल ठिकाने लग जाएगी ताकि वे ऐसा भविष्य में दोबारा न दोहरायें।