भक्तिपूर्ण आध्यात्मिकता Devotional Spirituality – ईश्वर और भक्ति भारत में Archive

जीवन दर्शन: आनंद एक खोज

20 मार्च से पूर्व हमारे पास वक़्त की बेहद कमी थी।फिर अचानक कुछ ऐसा हुआ कि सरकार ने घोषणा करते हुए 20 से 25 दिनों तक का लंबा वक़्त हमें दे दिया। वहज जानी पहचानी है जिसका नाम है ‘कोरोना’, एक चाइनीज महामारी। इस लंबे वक़्त को पाकर क्या आप उत्साहित हैं ?क्या आप

श्री कृष्ण जन्माष्टमी – महोत्सव विशेष

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥४-७॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥४-८॥ (गीता अध्याय 4 का श्लोक 7 एवम 8) भावार्थ: जब जब इस धरती पर धर्म की हानि होती है, जब जब अधर्म बढता है तब तब धर्म की रक्षा हेतु मैं स्वयं

ज्ञान और भक्ति का अनोखा संगम भ्रमरगीत काव्य परम्परा

विरह, वेदना, वियोग, ज्ञान एवम् भक्ति का अद्भुत संगम है ‘भ्रमर गीत’ । एक ऐसा वृतांत जहाँ ज्ञान चुप्पी साध लेता है, जिसके आगे योग के सारे तर्क विफल हो जाते हैं। शेष कुछ रह जाता है, तो वह है केवल भक्ति सम्पूर्ण समर्पण। भ्रमर गीत काव्य परम्परा का मूल श्रीमद् भागवत का भ्रमर

सत्यनिष्ठ होना ही मानवीय होना है

सत्यनिष्ठा एक अनुपम मानवीय गुण है। मनुष्य के जीवन में सत्यनिष्ठा का बहुत ही महत्व है। यदि हमारी जीवन रूपी इमारत सत्यनिष्ठ रूपी नींव पर खड़ी होगी तभी हम अपनी सफलता की उचाईयों को छू सकेंगें और सत्यनिष्ठा अर्थात मानवता के गुण स्वयं में विकसित हो सकेंगे। सत्यनिष्ठ बनने के लिए गुण हमे बचपन

क्या जीवन एक भ्रम है ?

कई प्रश्न ऐसे भी होते हैं जिनका कोई माकूल जवाब नहीं होता। कुछ ऐसा ही एक प्रश्न है ‘जीवन क्या है ?’ इसका अर्थ क्या है ? इसकी परिभाषा क्या है ?जब मैं अपने दृष्टिकोण से इसका उत्तर ढूंढता हूँ तो मुझे बस यही बात समझ में आती है कि उत्पत्ति और अंत के

मकरसंक्रांति क्या है – क्यों मानते हैं मकर संक्रान्ति, महत्त्व और विशेषता

इस बार वर्ष 2019 की यह मकरसंक्रांति बेहद महत्त्वपूर्ण है। जिसकी खास वजह है प्रयागराज में आयोजित होने वाला अर्धकुम्भ। यूँ तो प्रतिवर्ष भारत के तमाम राज्यों व हिस्सों में Makar Sankranti मनाई जाती है किन्तु कुंभ में मकरसंक्रांति के दिन स्नान करने से इसकी विशेषता अत्यधिक गहरा जाती है। ऐसे में Prayag Raj

नवरात्रि में व्रत के दौरान करें इन पकवानों का सेवन

नवरात्रि में उपवास को बहुत पावन माना गया है। कहा जाता है कि उपवास देवी माँ की आराधना का सबसे पवित्र रूप है, लेकिन इस भाग दौड़ से भरी जिंदगी में हमें हमेशा तरोताजा रहना जरूरी है और यदि नवरात्रि में हम व्रत रखते हैं तो यह बहुत आवश्यक है कि हमारे शरीर में

श्री कृष्ण जन्माष्टमी एक भक्तिमय उत्सव

जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। जन्माष्टमी को श्री कृष्ण जन्म के फलस्वरुप मनाया जाता है। जन्माष्टमी अपने साथ ढेर सारी मुस्कुराहटों को लाती है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ना सिर्फ हिंदुस्तान में नहीं अपितु पूरे विश्व के कुछ हिस्सों में भी जन्माष्टमी के इस उत्सव को बड़े ही

सावन का पावन माह

हिंदू मान्यता के अनुसार वर्ष का सबसे पावन महीना अब आ चुका है। जी हाँ आज हम सावन के अतुलनीय माह की बात करने जा रहे हैं। सावन में एक ओर जहाँ समस्त पृथ्वी हरियाली की चादर ओढ़ लेती है। वहीं दूसरी तरफ यह माह आध्यात्मिक स्वरूप की भी पराकाष्ठा को अपने साथ लिए

चैत्र नवरात्रि – Chaitra Navratri Pooja 28 March to 4 April 2017 नवरात्रि की स्वतः विधिवत पूजा अर्चना

नवरात्रि पूजा का हिन्दू धर्म में खास स्थान है और यह भारत के विभिन्न भागों में अलग अलग ढंग से मनाई जाती है। पूजा पाठ एवं अध्यात्म से जुड़े इस हिन्दू पर्व की शोभा देखते ही बनती है। गुजरात में इस त्यौहार को बड़े आनंद रूप से मनाया जाता है जिसमें जिसमें हिन्दू युवक