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शराब एक जानलेवा नशा

नशा जहर है, मौत है। जी हाँ, नशा मनुष्य को मार देता है, आज स्वयम् की, कल परिवार की, परसों रिश्तों की फिर समाज की और उसके अगले दिन राष्ट्र की मौत। आज हम शराब के नशे से होने वाले नुक्सान और फायदे पर चर्चा कर रहे हैं; नशा सुनिश्चित मौत है। कुछ पल

प्रेम मरता नहीँ

शिवा जब मरने की बात करती तो शिव को अच्छा नही लगता था। मन होता उसके बोलते हुए अधरों पर हाथ रख दे ताकि शब्द वहीँ मौन हो जाएँ और वो अपनी बात पूरी ही न कर सके, पर वो मजबूर था क्योंकि बातचीत का माध्यम तो सन्देशों का आवागमन था। मिले तो सिर्फ

माँ – मातृ दिवस, 11 मई मदर्स डे विशेष

“माँ” जितना छोटा है यह शब्द उतना ही बड़ा है इसका अर्थ, समेटे है अपने अंदर सारे ब्राह्मण को इस सारी सृष्टि को, सुनने में इसकी आवृति जितनी छोटी है , उतनी ही बड़ी है इसकी महत्ता इसकी सार्थकता। एक अद्भुत कृति है ईश्वर की, आनंद और ममता से परिपूर्ण, निश्छल भावों को हृदय

पहली मुलाक़ात..(आंशिक) – हिंदी कहानी

आज पहली बार मिले थे शिव और शिवा, ख़ुशी अपने चरम पर थी…राधा कृष्ण जी के दर्शन करने के बाद दोनों वहीं एक पेड़ के नीचे बैठ गए..।  आप कुछ बताने वाली थीं…शिव ने शिवा का हाथ अपने हाथ में लेते हुए बड़े प्यार पूछा ! जी क्या बताएँ, कुछ भी नहीँ बस; शिवा

ज्ञान और भक्ति का अनोखा संगम भ्रमरगीत काव्य परम्परा

विरह, वेदना, वियोग, ज्ञान एवम् भक्ति का अद्भुत संगम है ‘भ्रमर गीत’ । एक ऐसा वृतांत जहाँ ज्ञान चुप्पी साध लेता है, जिसके आगे योग के सारे तर्क विफल हो जाते हैं। शेष कुछ रह जाता है, तो वह है केवल भक्ति सम्पूर्ण समर्पण। भ्रमर गीत काव्य परम्परा का मूल श्रीमद् भागवत का भ्रमर

15 सबसे अधिक लोकप्रिय रीसाइक्लिंग व्यवसाय

आज के आधुनिक युग में विभिन्न प्रकार के उत्पादित कचरे की मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है । हममें से अधिकांश लोग उपयोग की गई सामग्रियों को रीसाइक्लिंग नहीं करने के प्रभावों से तो अवगत हैं, लेकिन इस बात से अवगत नहीं हैं कि रीसाइक्लिंग एक आकर्षक व्यवसाय भी हो सकता है। कोई भी व्यक्ति

जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी

हमारे देश में जन्म देने वाली माँ और मातृ भूमि का दर्जा स्वर्ग से भी ऊपर बताया गया है, पर आज के बदलते परिवेश में जब देशवासी देश और मातृभूमि त्याग करके विदेशों में बसने लगे हैं तब मातृभूमि का क्या अर्थ रह जाता है ? व्यक्ति मातृभूमि का त्याग कर सकता है,पर क्या

सत्यनिष्ठ होना ही मानवीय होना है

सत्यनिष्ठा एक अनुपम मानवीय गुण है। मनुष्य के जीवन में सत्यनिष्ठा का बहुत ही महत्व है। यदि हमारी जीवन रूपी इमारत सत्यनिष्ठ रूपी नींव पर खड़ी होगी तभी हम अपनी सफलता की उचाईयों को छू सकेंगें और सत्यनिष्ठा अर्थात मानवता के गुण स्वयं में विकसित हो सकेंगे। सत्यनिष्ठ बनने के लिए गुण हमे बचपन

जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक राजनीती एवम् भारत

जलवायु परिवर्तन को नजर में रखते हुए वैश्विक स्तर पर कई सम्मेलनों का आयोजन हुआ, जिसमें तमाम देशों ने मिल कर वर्तमान की सबसे चुनौती पूर्ण समस्या से निजात के लिए कई प्रकार की योजनाएं बनाई। स्काटहोम सम्मेलन की 20वीं वर्षगांठ मनाने हेतु ब्राजील के शहर रियो-डी-जेनेरियो में आयोजित रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन,