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हिंदी कहानी धारना
On October 10, 2020 In कथा कहानी Hindi Stories - भारतीय हिंदी कहानियां Online
अक्सर कला क्षेत्र से जुड़े एक नायक को उसकी जिन्दगी की रचना से जोड़कर देखा जाता है लेकिन वह उसका एक ख्याब ही होता है जो एक बिन्दु से जोड़कर अल्ग-अल्ग विषयों पर अपनी धारना को व्यकत करता है। यह एक मात्र काल्पनिक घटनाओं का स्रोत होता है, आज की कहानी भी हमारी कुछ
हिंदी कविता – तन्हाई
On July 23, 2020 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
हिंदी कविता – तन्हाई अक्सर मेरी तन्हाई ,हम साथ – साथ रहते है,रात को सोते वक्त, सोचता हूँ,ये जिन्दगी की, बंदिशें। सब्र का घुट भरते ही,यादें मेरा गला, दवा जाती है।मेरे आपने ही, जब किसी की, बातों में आ जाते है,क्या कहूँ, उन्हें, कैसे समझाऊँ इन्हें। मेरी मंजिल तो, कहीं और , बहुत ऊपर,आसमान
साइकिल चोर – हिंदी कहानी
On July 8, 2020 In कथा कहानी Hindi Stories - भारतीय हिंदी कहानियां Online
साइकिल वाला आया और घर के मुख्य द्वारा पर साइकिल खड़ा कर चला गया। जाते हूए, मोहब्बत की अम्मा से यह कह गया की – ” मैं अभी मालिक से मिल कर आता हूँ, मेरे साइकिल का ध्यान रखना “ लगभग आधे घंटे तक एक शाख्स दरवाजे पर खड़ा होकर कहता –अरे भाई अरे
हिंदी कविता – डाका
On June 2, 2020 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
हिंदी कविता – डाका तेरे शहर में रब्बा विरान सा पड़ जाता,आता कोई डाकू लूट कर ले जाता। भीतर प्रवेश करते लोग डर कर, हमें कोई कहीं, मार न जाता,सदर से बस्ते शाहर में, बुरी नजरों से कोई देख जाता।नंगे पैर, भूख से बीते दुपहिरियाँ, यहाँ हाल न पूछता, कोई गरीब का,भाषण देता, खड़कर
सच्ची कहानी – परिणाम
On April 2, 2020 In भारतीय समाज Indian Society - भारत और समाज
इस कहानी के पात्र वास्तविक नहीं है, लेकिन कहानी सच्च और जूठ का परदाफास करती है। जो हठ साधना है साधु संतो की, बहुत कठिन होती है, उन्हें कई दिन भूखे-प्यासे रहकर सत्य को सामने लाना पड़ता हैं। वो ऐसे काम कर जाते है जो उनकी दुनियाँ के ही बस की बात होती है,
हिंदी कविता – ख़्वाहिश
On February 5, 2020 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
कविता शीर्षक – ख़्वाहिश मित्र है तू भी मेरा, तुझे मिलने आऊँगा,वादा सा कर बैठा, क्या वह होगा, उस तरह का,जो ख्याबों में तराशा है, या फिर इस के उल्ट। क्या वह मुझे पहचान लेगा, या फिर मैं उसको, भोलपन, बेख़बर, कही सहपाठियों की बातें।उसको मेरी बचपन की, मिलने की बेताबी,क्या उसे पता होगा,
हिंदी कविता – पार
On December 31, 2019 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
कविता शीर्षक – पार जाऊंगा मैं मल्लाह बनकर, सात समुद्रों को पार कर कर। महकते सुबह की झलक बनकर, खड़ जाऊंगा मैं, पैरों पर, छाती तनकर। जाऊंगा मै, उसको मिलने की, आस कर कर, हुआ है मेरा, यारो ‘चाँद’ विदेशी। जाऊंगा मैं मल्लाह बनकर, सात समुद्रों को पार कर कर। रुलती ज़िंदगी के पन्ने
हिंदी कविता – ताकत
On November 19, 2019 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
हिंदी कविता – ताकत समुन्दर का नापना , सच्चे संतों की परीक्षा ।आसमानों को जानना , आग , पानी के भेद का ।रोहानी तकतों के आगे ,खुद को ऊँचा देखना । इस धरती पर , ईश्वर के घरों को उल्लेखना ।फिर भी तूने किसी रूप में , उस ईश्वर को ही माथा टेकना ।बेबसी
हिंदी कविता – पिंजरा
On October 2, 2019 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
हिंदी कविता – पिंजरा हालत मेरी, ऐसी बन गई,जैसे ग़ुलाम परिंदे को, कोई दे पिंजरे में से छुड़ा,उड़ नहीं होता, अब मेरे से, रब्बा कोई तो रास्ता बना । गुज़रा मेरा बचपन, बहानों में, कैसे किया उन्होंने गुमराह,ऊँचे ख्वाबों के सपने दिखा कर, लूट लिया मेरे घर का आँगन । चढ़ी जवानी आँख लड़
हिंदी कविता – राहत
On September 26, 2019 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
राहत – कविता हाँ, मैं सारी ज़िंदगी,भटकता रहूँगा,लेकर ज़िंदगी के अरमानों को,लटकता रहूँगा । तुझे पाने की इच्छा नहीं बुझेगी कभी,कमलीए हर समय पर तुम्हारा भ्रम खाता रहूँगा । लोग कहते पड़ गई जुदाई नार की,यही दिया ताना, भोगना पड़ता है प्यार का । कोई कहता यह तो छल्ला हो गया,सच्च है ‘सन्दीप’ अभी