संपादकीय Hindi Editorial – हिंदी में पढ़िए Archive
मजदूरों को मिले जीवन परामर्श
On May 20, 2020 In संपादकीय Hindi Editorial - हिंदी में पढ़िए
मजदूरों को मिले जीवन परामर्श कोरोना महामारी (कोविड-19) के तहत देश 25 मार्च 2020 से लॉकडाउन में है।लॉकडाउन जनहित को ध्यान में रखकर जारी किया गया ताकि स्वस्थ लोगों की जान Covid-19 नाम की बिमारी से बचाई जा सके। चूँकि कोरोना एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर हो
भारत में डॉक्टरों का आभाव क्यों ?
On May 1, 2020 In संपादकीय Hindi Editorial - हिंदी में पढ़िए
भारत एक ऐसा अधूरा देश है जो आज़ादी के 73 वर्षों बाद भी पूरा देश नहीं बन पाया।सच कहूं तो मैं भारत की आज़ादी को आज़ादी मानता ही नहीं, क्योंकि यह आज़ादी न होकर केवल ‘पॉवर हैंडओवर’ था। अर्थात, अमीर अंग्रेज़ों ने भारत की बागडोर एक अमीर भारतीय के हाँथ में सौंप दी बिना
V से विज्ञान और वाइरस
On April 15, 2020 In संपादकीय Hindi Editorial - हिंदी में पढ़िए
क्रिया प्रतिक्रिया का नियम मेरे ख्याल में एक मात्र ऐसा विज्ञान का सिद्धान्त होगा जो कि एक दम कोरोना से मेल खाता है, केवल एक दो नहीं बल्कि कई मायनों में। अब देखिये क्रिया प्रतिक्रिया ही एक मात्र ऐसा कान्सेप्ट है जो हर एक वर्ग, हर एक जाति अनपढ़ गंवार गांव शहर; हर जगह
जीवंत रिश्तों का क़ातिल – पोर्नोग्राफी
On September 28, 2019 In संपादकीय Hindi Editorial - हिंदी में पढ़िए
विश्व में जब से सूचना-प्रौद्योगी क्रांति द्वारा सूचनायें सर्वसुलभ होने लगी है, तब से समाज में नवचेतना के साथ कई तरह की विसंगति भी देखने में आयी है। तकनीक ने जंहा एक ओर जीवन को नवीन जानकारी एवम संसाधन पूर्ण बनाया है, वंही सामाजिक बुराईयों को भी नये कलेवर के साथ पेश किया है।
कॉर्पोरेट सर्कस और रिंग मास्टर का खेल
On February 5, 2019 In संपादकीय Hindi Editorial - हिंदी में पढ़िए
एक बार, एक हाथी का बच्चा शहर से सटे जंगल में विचरण कर रहा था। बच्चा बेहद छोटा था अतः वह अपनी मस्त नटखट चाल से इधर-उधर टहल रहा था। कुछ दूर ऐसे ही घूमते फिरते वह अचानक एक गड्ढे में जाकर गिर जाता है। हाथी का बच्चा अकेला था, वहां उसके आस-पास अन्य
आरक्षण के ‘व्हीलचेयर’ पर बैठा देश का युवा
On December 31, 2018 In संपादकीय Hindi Editorial - हिंदी में पढ़िए
दिन शनिवार, दिनांक 29 दिसंबर 2018 के दिन देश के प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर पहुंचे जहाँ उन्होंने हमेशा की तरह जनसभा को संबोधित किया। संबोधन के उपरांत जब पुलिस कर्मी अपने खेमे के साथ वापस लौट रहे थे तो उनपर कुछ अराजक तत्वों ने पथराव करना शुरू कर दिया। पथराव इतना तेज़ था
अपने अंदर के रावण का दहन करें
On October 19, 2018 In संपादकीय Hindi Editorial - हिंदी में पढ़िए
दशहरा हम सभी जानते हैं कि दशहरा पर हमेशा से रावण दहन की परंपरा रही है। रावण दहन, जी हाँ ! रावण का दहन करके इस मान्यता को जोड़ा जाता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है, सच हमेशा झूठ सेआगे रहता है। लेकिन क्या सिर्फ Ravan Dahan करके ही हम
वृद्धाश्रम: एक अभिशाप
On March 26, 2018 In संपादकीय Hindi Editorial - हिंदी में पढ़िए
वृद्ध-आश्रम का इंग्लिश नाम है “ओल्ड एज होम” या यूरोप में इन्हें “रिटायरिंग रिट्रीट” भी कहा जाता है; इस रिट्रीट में मानसिक, आर्थिक सुरक्षा दी जाती हैं। मेडिकल सुविधाएँ हैं, मनोरंजन के साधन हैं इत्यादि, बस एक संपूर्ण घरेलू वातावरण नहीं जो कि यूरोपियन या वहाँ की संस्कृति को ज़्यादा ज़रूरी नहीं होती है।
मॉडर्न पब्लिक स्कूल दुर्व्यवस्था – क्या करें अभिवाभाक, कैसे सुधरेंगे हालात, जानिए कुछ रोचक बातें
On January 29, 2018 In संपादकीय Hindi Editorial - हिंदी में पढ़िए
(ए) 21 जनवरी 2018, गुरुग्राम स्थित 12वीं के क्षात्र नें अपने ही स्कूल प्रिंसिपल की गोली मारकर हत्या कर दी। (बी) 18 जनवरी 2018, उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित स्कूल की 7वीं कक्षा में पढ़ने वाली क्षात्रा नें अपने ही स्कूल के बच्चे पर चाकू से वार किया। (सी) 8 सितंबर 2017, गुरुग्राम स्थित
ईश्वर और विज्ञानं – कौन कितना महान
On January 12, 2018 In संपादकीय Hindi Editorial - हिंदी में पढ़िए
ईश्वर की चर्चा जब भी हम करते हैं तो कुछ लोग इसे केवल अन्धविश्वास, सामान्य मान्यता, पूजन प्रथा और सदियों से चली आ रही एक मिथ्य तथ्य ही मानते हैं। वहीँ दूसरी तरफ अनेकों लोग हैं जो ईश्वर के अस्तित्व में पूरा विश्वास रखते हैं, उनका यह मानना है की संसार में हर सजीव