डेंगू बुखार के लक्षण Dengue Fever Symptoms in Hindi
डेंगू एक आम संक्रामक बिमारी है जो कि मच्छरों के काटने से होता है जिसका प्रकोप आजकल भारत में बढ़ता ही जा रहा है । डेंगू जिसमें तेज बुखार , सर दर्द व् जोड़ो में दर्द इसके मुख्य लक्षण माने जाते हैं। यह बुखार बच्चों को जल्द हो जाता है क्योंकि व्यस्क व्यक्ति कि तुलना में बच्चों कि बीमारियों से लड़ने कि क्षमता (IMMUNITY POWER) काफी कम होती है । डेंगू एक आम संक्रामक बिमारी है जो कि मच्छरों के काटने से होता है जिसका प्रकोप आजकल भारत में बढ़ता ही जा रहा है । डेंगू जिसमें तेज बुखार , सर दर्द व् जोड़ो में दर्द इसके मुख्य लक्षण माने जाते हैं। यह बुखार बच्चों को जल्द हो जाता है क्योंकि व्यस्क व्यक्ति कि तुलना में बच्चों कि बीमारियों से लड़ने कि क्षमता (IMMUNITY POWER) काफी कम होती है ।
यह बिमारी वायरस के कारण होती है “Aedes Aegypti” मच्छर जब किसी डेंगू के रोगी को काटता है तो उस मच्छर में डेंगू का वायरस प्रवेश कर जाता है और जब वही मच्छर किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को कटता है तो वह भी डेंगू वायरस का शिकार हो जाता है। यह डेंगू वायरस रक्त में प्रवेश कर रक्त में पाए जाने वाले प्लेटलेट्स कि संख्या को अत्यंत कम कर देता है जिससे हमारी बीमारियों से लड़ने कि क्षमता ख़त्म होने लगती है ।
डेंगू कि वजह से प्रत्येक वर्ष कई लोगों कि मौत भी हो जाती है इससे बचने के लिए हमें डेंगू के सभी प्रकार के लक्षणों कि सही जानकारी रखना बहुत जरुरी है ताकि हम ऐसे खतरनाक बिमारी से बच सकें और यह जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पंहुचा कर उन्हें भी डेंगू से बचा सकें ।
क्या हैं डेंगू बुखार के लक्षण:
डेंगू के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि डेंगू बुखार किस प्रकार का है डेंगू के तीन प्रकार होते है :
1 – क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार
2 – डेंगू हम्रेजिक बुखार (Dengue Hemorrhagic Fever)
3 – डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue Shock Syndrome)
1 – क्लासिकल डेंगू बुखार आमतौर पर स्वयं ही ठीक हो जाता है या फिर अगर अत्यधिक बुखार हो तो साधारण बुखार की दवाईयों से ही ठीक हो जाता है । परन्तु डेंगू हम्रेजिक बुखार (DHF) व डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) का तुरन्त उपचार ना करायें तो ये जानलेवा साबित हो सकते है । इसीलिए यह पहचानना बहुत जरुरी है कि साधारण डेंगू बुखार है या DHF अथवा DSS है ।
नीचे दिए गए लक्षणों से आपको डेंगू के प्रकारों को पहचानने में काफी सहायता मिल सकती है:
• क्लासिकल डेंगू बुखार
• ठण्ड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना
• सिर, मांसपेशियों तथा जोड़ो में दर्द होना
• आँखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आँखों को दबाने या हिलाने से और भी ज्यादा बढ़ जाता है
• अत्यधिक कमजोरी लगाना, भूख में बेहद कमी और साथ ही जी मिचलाना
• मुँह के स्वाद का ख़राब होना
• गले में हल्का सा दर्द रहना
• शरीर पर लाल चकते के सामान निशान (red rashes) आ जाना
लाल निशान सबसे पहले चेहरे पर होते हैं फिर गर्दन , छाती , हाथों और पैरों पर विसरित हो जाते हैं ये निशान लाल गुलाबी दोनों के रूप में भी दिखाई दे सकते हैं और लगातार शरीर पर फैलते चले जाते हैं । क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार कि अवधि लगभग 5 -7 दिनों कि होती है और रोगी ठीक भी हो जाता है । अधिकतर मामलो में रोगियों को साधारण डेंगू ही होता है ।
2 – डेंगू हमेरेजिक बुखार Hemorrhagic शब्द का अर्थ होता है रक्तस्त्राव या खून का बहना “ह्मेरेजिक डेंगू बुखार” किसी को भी हो सकता है पर आमतौर पर यह कम होता है साधारण डेंगू बुखार ठीक हो जाने के बाद अगर दुबारा डेंगू हो जाए तो डेंगू ह्मेरेजिक बुखार होने कि सम्भावना बढ़ जाती है ।
साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ – साथ अगर नीचे दिए गये लक्षणों में से एक भी लक्षण अगर आपको दिखाई दे तो रोगी को डेंगू ह्मेरेजिक बुखार हो सकता है जो कि इस प्रकार हैं:
• मसूड़ों , नाक और त्वचा से खून निकलना
• त्वचा के अंदर अंदरूनी रूप से खून का बहना या त्वचा पर गहरे नील काले रंग के छोटे बड़े निशाँ बनना
• ब्लड प्रेशर का कम होना
बुखार आने के बाद दो से तीन दिनों के अंदर ये लक्षण दिखाई देने लगते हैं जिससे मरीज कि 12 से 24 घंटे के अंदर मृत्यु कि सम्भावना होती है । एक भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंन्त ही डॉक्टर से संपर्क करना अति आवश्यक है ।
3 – डेंगू शौक सिंड्रोम (Dengue Shock Syndrome) डेंगू कि सबसे खतरनाक व् गंभीर स्थितियों में से एक है “डेंगू शौक सिंड्रोम” में डेंगू सभी लक्षणों के साथ – साथ रोगी में शॉक के लक्षण दिखाई देते हैं रोगी सदमे में जा सकता है।
डेंगू बुखार में सदमे के लक्षण यह होते है:
(a) रोगी अत्यधिक बैचैनी महसूस करता है तेज बुखार होने के बावजूद भी उसका शरीर एकदम ठंडा पड़ जाता है
(b) रोगी धीरे – धीरे होश खोने लगता है
(c) यदि रोगी कि नाड़ी (pulse) देखि जाए तो वह काफी तेज व् कमजोर महसूस होती है
(d) रोगी का ब्लड प्रेशर कम होने लगता है
यह डेंगू का सबसे भयावह रूप है सही समय पर रोगी को उचित उपचार देकर बचा सकते है । यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सम्पर्क करना आवश्यक है । मरीज कि स्थिति अत्यधिक गंभीर होने पर उसकी 24 घंटे के अंदर मौत हो सकती है ।
आमतौर पर क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार ही डेंगू के मरीजो में पाया जाता है। डेंगू शौक सिंड्रोम (DSS) व् डेंगू हम्रेजिक बुखार सिर्फ 5 से 6 % लोगों में ही पाया जाता है । आजकल खून कि जांच द्वारा तथा पोलिमर चैन रिएक्शन (PCR) जांच उपलब्ध है जिसके आधार पर डेंगू कि पहचान की जा सकती है।
जरूरी बात : यह लेख केवल डेंगू बुखार के लक्षणों से अवगत कराने के लिए है जिसे लेखिका नें अपने निजी जानकारी के आधार पर व्यक्त किया है। अगर आप उपयुक्त दिए गए लक्षणों में से किसी एक लक्षण के भी शिकार हैं या फिर सारे लक्षण दिखायी दे रहे हैं तो कृपया तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपना पूरा चेकउप करायें। याद रहे हर बुखार डेंगू नहीं होता और यह भी संभव है कि यह सारे लक्षण डेंगू से सम्बंधित न हों , अतः हर हाल में डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही किसी प्रकार की दवा का सेवन करें । लेखिका न तो डॉक्टर हैं और न ही कोई स्वास्थ्य कर्मचारी /