हिंदी कविताएँ Hindi Kavita Archive
हिंदी कविता – अगली तनख्वाह
On February 23, 2021 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
पढ़िये वैदेही शर्मा द्वारा लिखित हिंदी कविता अगली तनख्वाह। भला एक तनख्वाह में क्या कुछ पूरा हो पाता है। पापा की महीने की कमाई और लोगों की ख्वाहिशों के बीच हर महीने अगली तनख्वाह का इंतज़ार रह जाता था।
हिंदी कविता – बेसब्र
On February 23, 2021 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
पढ़िये वैदेही शर्मा द्वारा रचित एक सुन्दर हिंदी कविता जिसका शीर्षक है मैं बेसब्र हूँ। कवितायें अपनी अभिव्यक्ति को बयां करने का सबसे उत्तम माध्यम है। मैं बेसब्र हूँ नाम की यह कविता क्या कहना चाहती है आप भी जानिये।
हिंदी कविता – तन्हाई
On July 23, 2020 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
हिंदी कविता – तन्हाई अक्सर मेरी तन्हाई ,हम साथ – साथ रहते है,रात को सोते वक्त, सोचता हूँ,ये जिन्दगी की, बंदिशें। सब्र का घुट भरते ही,यादें मेरा गला, दवा जाती है।मेरे आपने ही, जब किसी की, बातों में आ जाते है,क्या कहूँ, उन्हें, कैसे समझाऊँ इन्हें। मेरी मंजिल तो, कहीं और , बहुत ऊपर,आसमान
हिंदी कविता – मेरी पहचान
On June 17, 2020 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
हिंदी कविता – मेरी पहचान मेरी पहचानमेरे पिता मेरी पहचान हैं,मेरे सपनों की उड़ान हैं।मेरे नन्हें कदमों की आहट पर,मचलते उनके अरमान हैं।। मुझको उन्होंने खूब पढ़ाया,कुछ बनने के काबिल बनाया।सच की राह पर मुझे बढ़ाकर,चुनौतियों से जूझना मुझे सिखाया।। मुझको बढ़ते देखकर उनके,चेहरे पर आई मुस्कान है।आने वाले कल में मुझको,बनना उनकी पहचान
हिंदी कविता – डाका
On June 2, 2020 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
हिंदी कविता – डाका तेरे शहर में रब्बा विरान सा पड़ जाता,आता कोई डाकू लूट कर ले जाता। भीतर प्रवेश करते लोग डर कर, हमें कोई कहीं, मार न जाता,सदर से बस्ते शाहर में, बुरी नजरों से कोई देख जाता।नंगे पैर, भूख से बीते दुपहिरियाँ, यहाँ हाल न पूछता, कोई गरीब का,भाषण देता, खड़कर
हर स्त्री एक माँ है – मातृ दिवस हिंदी कविता
On May 8, 2020 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
मातृ दिवस हिंदी कविता हर स्त्री एक माँ है हर एक स्त्री माँ है, माँ जिसका व्याख्यान शब्दों में किया नहीं जा सकता, माँ जो अपने एक रूप में अनेक भावों को समेटे हुए परिपूर्ण है। हर स्त्रीं एक ‘माँ’ हैफिर चाहे वह किसी भी रूप में होहर स्त्री इक जननी हैचाहे उसने अपनी
मदर्स डे हिंदी कविता – ममता की मूरत माँ
On May 5, 2020 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
मदर्स डे हिंदी कविता – ‘ममता की मूरत माँ’ ममता की मूरत है मां,और प्रेम का है सागर।चोट लगे जो बच्चों को तो,छलके उसके नैन का गागर।। अपने बच्चों की थामकर उंगली,चलना उसने सिखलाया।देख मुख मंडल हर्षित हो,कई सपना मन में सजाया।। अपने बच्चों का भरती पेट,भले स्वयं भूखे ही रह जाती।यही माता अंबा
निर्भया तुम जिंदा हो – हिंदी कविता
On March 20, 2020 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
निर्भया के दोषियों को हुई फांसी…। यह खबर सुनते ही एक संवेदनशील पीड़ा, खुशी व सुकून की भावना एक साथ मन में उमड़ पड़ी, देर से ही सही किन्तु न्याय हुआ। जब-जब दोषियों की दया याचिका कोर्ट के समक्ष पेश की जाती और उनके वकील सारे कानूनी दांव पेंच लगाकर उन्हें बचाने में लग
कोरोना का रोना मत रोना – हिंदी कविता
On March 19, 2020 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
हिंदी कविता – “कोरोना का रोना मत रोना” कोरोना का रोना मत रोना,मिलकर करो इस पर प्रहार।सावधानी बरतो सुरक्षित रहो, और करो इसका संहार। प्रिवेंशन इज बेटर देन क्योर,सावधानी रखो और हो जाओ श्योर।इस वायरस का होगा अंत,ढलेगी निशा और होगी भोर। मास्क का इस्तेमाल करो और,सैनिटाइजर का करो प्रयोग।सफाई का रखो ध्यान,कोरोना का
हिंदी कविता – बेटी की दुनियां
On February 22, 2020 In हिंदी कविताएँ Hindi Kavita
“बेटी की दुनियां” बेटी की नजर से मम्मी की गोदी, चाँद का हिंडोलापापा के कंधे, मेरा आकाश वाला झूला। वो बचपन की दुनियां, हाँथी एक गुड़ियाबहुत सारे ही थे मेरे खेल और खिलौनेएक था बन्दर जो डफली बजाता थावो प्लास्टिक का था, पर मुझे खूब भाता था। था मेले में पापा ने गुब्बारा दिलायाजो