कथा कहानी Hindi Stories – भारतीय हिंदी कहानियां Online Archive

प्राण पखेरू – एक सत्य घटना कि कहानी

रविवार 9 जुलाई 2017 का दिन अभी ठीक से शुरू भी नहीं हुआ था। सुबह करीब 6:45 पर अचानक एक कबूतर उड़ता हुआ मेरे कमरे कि खिड़की के पास आ बैठा। रविवार के दिन भला इतनी सुबह मैं क्यों जागूँ ; मैं तो अपनी चिर निंद्रा में लीन था कि मेरे कमरे कि छत

पुराना घर

पिताजी गुजर गये यह खबर मिलते ही मुझसे रहा नहीं गया; एक तरफ दुःख के आंसू और ह्रदय की वेदना दूजी ओर माँ का खयाल। मन व्याकुल हो उठा था … मेरी मनः स्थिति देख पत्नी नें टोका – मैं तुम्हारी पीड़ा समझती हूँ आखिर मैं भी तो उस घर कि बहू हूँ और