भारतीय राजनीति Indian Politics – नेता और Bharat Rajneeti Archive

कम से कम इस सुंदर भारत को तो आ जाने दो

जब मैं बहुत अकेला होता हूँ, तो सोंचता हूँ। क्यों आखिर क्यों, लोग नहीं समझते आज के राजनीतिक रहस्यों को, और आपस में लड़ते हैं, झगड़ते हैं और अपना ही नुकसान करते हैं। राजनेता तो अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं, और लोगो को अपने इशारों की कठपुतली समझकर, झोंक देते है, उस आग

कुमार विश्वास से इसलिए नाराज़ हैं अरविन्द केजरीवाल साहब

एक आन्दोलन हुआ था फिर एक पार्टी बनी जिसका नाम था “आम आदमी पार्टी” । पार्टी के मुखिया नियुक्त किये गये “अरविंद केजरीवाल” उन्होंने जब नई दिल्ली सीट से शीला के खिलाफ चुनाव लड़ने की ठानी लोगो ने कहा पागल है। अरविंद केजरीवाल जीत गये सरकार भी बन गयी और इस्तीफा भी हो गया।

चारा घोटला के आरोपी लालू को मिला कैदी नंबर 3351

2G स्प्रेक्टम पर जब फैसला आया जिसमें 1 लाख 76 हज़ार करोड़ के घोटले के आरोपी जितने भी थे वो बरी कर दिये गए। कोर्ट ने उन्हें इसलिए बरी कर दिया क्योंकि सीबीआई कोई भी सबूत या गवाह पेश नहीं कर पाई। जिस वजह से ए.राजा, कनिमोझी और बाकि 14 लोगों को बरी कर

बीजेपी का दूल्हा कांग्रेस की दुल्हन

न मजहब नजर आता है, न जात दिखती है, जब से हुआ है दिल उसका बस, उसी की सूरत दिन रात दिखती है !! ऊपर की पंक्ति कल भी सही थी आज भी सही है और आगे भी रहेगी। मध्यप्रदेश के दो युवा राजनीतिक़ारों नें इस बात को सच कर दिखाया है। दोनों ही

म्यांमार रोहिंग्या मुसलमान-अत्याचार पर विश्व राजनीति और भारत की उलझनें

इन दिनों म्यांमार के “रोहिंग्या मुस्लिम” लोगों का विवाद पूरे विश्व में छाया हुआ है। भारत हमेशा ही रोहिंग्या प्रवासियों से दूरी बनाता आया है पर देश में मौजूद रोहिंग्या समुदाय के लोगों नें सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल की है। रोहिंग्या लोगों के अलावा देश में मौजूद कुछ मुस्लिम संगठन और अन्य राजनीतिक दल भी

भ्रष्ट होते सरकारी विभाग व् गैरजिम्मेदाराना अफसरशाही पर अंकुश जरूरी

भारत और भ्रष्ट्राचार एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। देश में बढ़ रहा भ्रष्टाचार एक नैतिक स्वीकृति बनती जा रही है जिसे आम लोगों के साथ-साथ सरकारी अफसर भी अब इसे कार्यालय संचालन का एक हिस्सा मान चुके हैं। सरकारी दफ्तरों व् सरकारी अस्पतालों का ध्यान जैसे ही हम करते हैं, तो केवल

पहले मोदी इफेक्ट्स और अब योगी इफेक्ट्स

मोदी इफेक्ट्स कि शुरुआत वर्ष 2014 से हुई जो अब तक विद्द्मान है। परन्तु वर्तमान वर्ष 2017 (मार्च) में आये उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाओं के परिणामों में भारतीय जनता पार्टी को विशाल जनमत मिला और 14 साल के बड़े अंतराल के बाद बी.जे.पी Uttar Pradesh कि सत्ता पर काबिज हुयी। 325 सीटों का विशाल

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 – BJP Victory 325 Seats in UP Election, भा ज पा की विशाल जीत और जनता की उम्मीदें

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विशाल जीत नें सभी राजनितिक दलों को चौंका दिया है। UP assembly election 2017 में ऐसा क्या हुआ कि BJP के खाते में 325 सीटें आ गयीं ये अपने आप में एक सवाल है और एक बदलाव भी। Uttar Pradesh (UP) Assembly Elections 2017 का

गधे की राजनीति – UP Assembly Election 2017, गधे का महत्त्व सबको समझ में आ गया

उत्तर प्रदेश में चुनाव की गर्मी जोरों पर है , हर शहर रंगीन है , बड़े बड़े नेताओं का जमवाड़ा है पर इसके अलावा एक खास शख्स है जिसका बोलबाला कुछ ज्यादा ही है। पर वो शख्स इंसान नहीं बल्कि एक जानवर है जिसे हम दुनियाँ का सबसे मूर्ख प्राणी मानतें हैं; जी मैं

चुनावी जूमलों और नारों में उलझती जनता – Hindi Slogan During Election in India

“चुनावी जूमलों और नारों में उलझती जनता” हिंदुस्तान में होने वाले चुनाव का माहौल किसी युद्ध से कम नहीं होता। देश की तमाम राजनीतिक पार्टियाँ अपने पूरे जोश और ताकत से चुनाव के प्रचार प्रसार में डूब जातीं हैं। हर पाँच साल में हमारे नेताओं को जनता का ख़याल आता है और फिर शुरुआत