क्यों जरूरी है Anti Romeo Squad in Uttar Pradesh, महिला एवं बालिकाओं की सुरक्षा हेतु अनिवार्य

उत्तर प्रदेश में सत्ता क्या बदली वहां कि आबो हवा भी बदल रही है। वर्तमान मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी नें प्रशासन को पूर्णतः दुरुस्त करनें का जिम्मा उठा ही लिया है। बी.जे.पी द्वारा चुनावी सभाओं में जनता से कई तहर के वादे किये गये थे जिसमें से एक वादा महिला सुरक्षा को लेकर था। Uttar Pradesh महिला सम्बंधित अपराधों के लिए पूरे देश में कुख्यात रहा है ऐसे में यह कोई साधारण काम नहीं कि पूरे प्रदेश को एकाएक महिला अपराध मुक्त कर दिया जाये। Women Security उत्तर प्रदेश में अति आवश्यक क्यों है ये हम आगे जानेंगे।

वैसे तो महिलाओं पर होनेवाले अपराध कई तरह के हैं पर मैं यहाँ केवल एंटी रोमियो स्क्वायड कि बात करना चाहूंगी जिसको लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है।

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क्या है Anti Romeo Squad ?

जैसा कि नाम से ही प्रतीत हो रहा है – Anti विरुद्ध + Romeo मजनू + Squad जत्था या दल 🙂 यानि कि राह चलते मजनुओं के विरुद्ध पुलिसिया दल।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि यू.पी में स्कूल जाती बालिकाओं , राह चलती गृहणियों , काम काजी युवतियाँ एवं समाज कि अन्य महिला वर्ग आये दिन मजनुओं कि फब्तियों की शिकार ना होती हों। इस तरह कि होने वाली घटनायें अनायास ही मन में एक भय पैदा कर देतीं हैं कि कहीं दुर्घटना ना घटित हो जाये। राह पर घूमते इन मनचलों पर लगाम लगाना अधिक आवश्यक था क्योंकि अब यह साधारण घटना से हट कर एक घोर अपराध का रूप ले चुका था। उत्तर प्रदेश में होनें वाली घटनाओं में ज्यादातर घटनाएं महिलाओं से ही जुड़ीं है।

समस्या :

अगर हम विगत कुछ वर्षों में महिला अपराध कि बात करें तो शायद Uttar Pradesh पहले पायदान पर आयेगा। रोजाना घटनें वाली घटनाओं में – तेज़ाब फेंका जाना, बलात्कार, शारीरिक शोषण, आत्महत्या, मानसिक यातना इत्यादि प्रमुख रूप से आती हैं। मुश्किल तो तब और बढ़ जाती है जब छोटी बालिकायें भी इन बुरे हालातों से गुजरनें लगतीं हैं। सड़क पर आवारा घूमने वाले मनचले तनिक भर को यह नहीं सोचते कि वे जो कृत्य कर रहे हैं वो कितना घिनौना है। उनके हौसले तब और बुलंद हो जाते हैं जब प्रदेश कि Police भी उनको कुछ नहीं कहती। सामान्य सी दिखने वाली यह छेड़छाड़ की समस्या अमूमन तौर पर एक भयावहः रूप ले लेती है जहाँ पर सिर्फ एक लड़की ही नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार इसकी चपेट में आ जाता है। यह बात गौर करने योग्य है कि बालिकाओं के स्कूल , महिला डिग्री कॉलेजो , कोचिंग संस्थाओं के आस पास अनेक Romeo घूमते हुये मिल जायेंगे इसके बावजूद वहां किसी भी प्रकार कि सुरक्षा व्यवस्था मौजूद नहीं रहती।

ये मनचले अकेले नहीं रहते , यह भी अपने पूरे जत्थे के साथ रहते हैं। कई मौकों पर ये तो लड़की के भाई, पिता से भी झगड़ जाते हैं और उनको भी धमकी देने लगते हैं कि देख लेंगें तुम्हें। नतीजा यह होता है कि किसी लड़की का भाई या पिता भी इन बदमाशों के शिकार बन जातें हैं। अति साधारण जी जान पड़ने वाली यह घटना अनायास ही खून खराबे में तब्दील हो जाती है।

किन हालातों से गुजरना पड़ता है एक लड़की को :

राह चलते मजनुओं से सभी लड़कियां प्रभावित होती हैं पर मुख्यतः वह ज्यादा जो अक्सर – स्कूल, कॉलेज, ट्यूशन, कोचिंग, नौकरी इत्यादि के लिये घर से बहार आना जाना करतीं है। ये उदंड लड़के उनके आने और जाने के समयानुसार उनका पीछा करते हैं। बार बार इस समस्या से जूझती हुई लड़कियां मानसिक रूप से कमजोर होनें लगतीं हैं उनका मन शिक्षा से हटकर अपने आप को सुरक्षित करनें पर जुट जाता है। स्वभाव से शर्मीली लड़कियां इस कृत्य को अपनें घर में भी किसी से नहीं कह पातीं ; कुछ मामले और भी आते हैं कि कोई लड़की अगर उन दुष्ट लड़कों के जाल में फ़स गयी तो फिर वह सब मिलकर उसका शारीरिक शोषण करनें लगते हैं।

आये दिन हमें ऐसे मामले सुनने को मिलते हैं कि – किशोरी नें आत्महत्या का प्रयास किया, जहर खा कर जान दी। जब पुलिस पूरे मामले की जांच करती है तब पता चलता है कि कोई अनजान लड़का उसको मानसिक प्रताड़ना दे रहा था या फिर उसके अश्लील फोटो को शेयर करने कि धमकी दे रहा था। सच में यह मामला बहुत ही गंभीर है और वर्तमान सरकार की मैं सराहना भी करती हूँ कि इसकी रोक थाम के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

कुछ अन्य तर्क :

  • समाज में मौजूद चंद बौद्धिक लोग यहाँ भी अपना बेहूदा तर्क दे रहें हैं कि सरकार का यह कदम युवाओं को परेशान करने के लिये है।
  • कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि इससे बेगुनाह प्रताड़ित हो रहे हैं।
  • फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए लोग इस अभियान का मजाक बना रहे हैं।
  • कुछ का कहना है कि प्रेम करना क्या जुर्म है जो सरकार उसपर लगाम कस रही है।

जानें और कितने ही तर्क कुतर्क दिए जा रहे हैं सरकार के इस फैसले का मगर सच तो यह है कि ये फैसला उन बच्चियों को हौसला दिलायेगा जो बेवजह अवांछित गतिविधियों का शिकार हो रहीं थी। कुतर्क करने वाले अपराध के दौरान मौन हो जाते हैं , पर जब सरकार द्वारा अपराध पर लगाम लगाने कि बात की जाती है तब वह अपना मुँह खोल देते हैं मानों जैसे वे केवल आलोचना के लिये ही बनें हो सराहना के लिये नहीं।

माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 22 मार्च से शुरू किये गये “एंटी रोमियों स्क्वॉड” प्रोग्राम को मैं पूर्णतः अपना समर्थन देती हूँ। प्रेम करना और छेड़खानी करना ये दो अलग बातें हैं। इस प्रोग्राम के तहत चंद उपद्रवियों को भी ये ज्ञात होगा की किसी महिला या युवती को बिनावजह प्रताड़ित करने का बुरा हश्र भी हो सकता है। अभी यह Anti Romeo Squad प्रोग्राम मनचले युवाओं को सचेत करने के मद्देनज़र चलाया जा रहा है ; अगर वे इसके उपरांत भी अपना कुकृत्य जारी रखते हैं तो फिर वह निःसंदेह सजा के हकदारी हैं।