आधुनिक भारत Modern India – इंडिया में आधुनिकता Archive

भारत में ऑडियो बुक्स के भविष्य पर चर्चा

जैसा कि हम जानते हैं, ऑडियो बुक्स वर्तमान परिपेक्ष्य में कोई नया नाम नहीं है। इस समय आधुनिक भारत में लगभग हर व्यक्ति ऑडियो बुक्स से किसी न किसी रूप में परिचित है। खासकर युवा वर्ग के लिए यह एक नया ट्रेंड बनता जा रहा है। आजकल स्मार्टफोन हर व्यक्ति के लिए सुलभ हो

वृद्ध आश्रम – अभिशाप या वरदान

उन आँखों ने भी देखें होंगे कुछ ख्वाब, ख्वाब एक भरे पूरे परिवार का, बच्चों के प्यार और अपनेपन का, ख्वाब खुद के सम्मान का, जीवन के अंतिम पलों में तनाव रहित समय का । अपने पूरे जीवन को बच्चों की ख़ुशी के लिए समझौते का रूप दे देते हैं जो माता-पिता , क्या

हरित वातावरण और सरकारी व्यय

वातावरण को लेकर सभी देश , सरकार व समाज का हर वर्ग चिंतित है । परंतु उसके लिए त्याग की भावना शून्य है। हर सरकार भारी भरकम बजट बनाती है। हर शहर में हॉर्टिकल्चर विभाग होते है। हजारों स्टाफ करोड़ों अरबों का बजट पर हम वहीं खड़े हैं, कोई विशेष उत्थान नहीं हुआ। इसके

सोशल मीडिया तुम मेरी जिंदगी का हिस्सा हो, मेरी जिंदगी नहीं !

क्या आपको याद है, कि कल शाम को बड़ी ही तन्मयता से जब आप अपने फोन में व्यस्त थे तब माँ आपके पास आई थी, वह आपसे कुछ ज़रूरी बात करना चाहती थी लेकिन आपको अपनी एक अलग दुनिया में डूबा हुआ देखकर उन्होंने आपसे कुछ ना कहना ही बेहतर समझा। लेकिन इसमें कौन

‘डिंक’ डुअल इनकम नो किड्स – जानिए क्या है DINK

“डिंक DINK” जी हाँ, आपने शायद इस शब्द के बारे में पहली बार सुना हो। आज मैं इस अनोखे विषय पर आपसे बात करने जा रही हूँ। इस विषय पर बात करने से पहले मैं डिंक शब्द का अर्थ स्पष्ट कर देना चाहती हूँ। डिंक शब्द मूलतः अंग्रेजी का शब्द है जो कि अंग्रेजी

क्योंकि अशिष्टता आपको कूल नहीं बनाती

जी हाँ आज मैं आपसे एक बहुत अनोखे मुद्दे पर बात करना चाहती हूँ, मैं जानती हूं कि मेरी कुछ बातें आप में से चंद लोगों को खटक सकती हैं लेकिन यह वह सब कुछ है जो मैंने अपनी 21 वर्ष की जिंदगी के इस मोड में महसूस किया। यदि सीधी भाषा में कहा

इंस्टाग्राम फोटोग्राफी – डिजिटल दुनियां का एक अतुलनीय विकल्प

यह सच है कि दुनियां तेज़ी से बदल रही है, हर नए दिन हमारे पास नए तकनीकी आयाम मौजूद होते हैं और डिजिटल दुनियां से अब कोई भी अभिन्न नहीं। डिजिटल दुनियां के इन सौगातों में एक अतुलनीय नाम शामिल है जिसको “इंस्टाग्राम” के नाम से जाना जाता है। मुझे यह बताने की कोई

क्योंकि ‘आज’ आपका है

जी हाँ ‘आज’ आपका हैं, सिर्फ आपका लेकिन क्या आप अपने आज को आज की तरह से जी रहे हैं ? यह कितना मुश्किल है ? अपने आज को आज बना पाना ? क्योंकि आपके हर एक संभव ‘कल’ का आरंभ आज से होता है । जो अब तलक हो चुका है उस पर

स्मार्टफोन की दुनियां के बाहर भी एक दुनियां है

ना जाने हम यह क्यों भूल जाते हैं कि हमारी दुनियां बेहद बड़ी है। यहाँ तमाम रिश्ते, बातें, फसाने, अफसाने, हमदर्द, हमराही और हमसफर भी हैं। फिर भी हम हमारी दुनिया को छोड़कर वर्चुअल दुनियां में जीने के लिए इतने विवश हो चुके हैं कि हमें यह भी याद नहीं कि हमारी असल दुनियां

डिजिटल इंडिया: एक महत्वकांक्षी कदम

डिजिटल इंडिया का शुभारंभ 1 जुलाई 2015 को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुआ। इस मुहीम का सीधा सा लक्ष्य है कागजी कार्यवाही कम करना और हर भारतीय को इलेक्ट्रॉनिक सेवा मुहैया कराना और प्रोजेक्ट के पूरा होने का वर्ष है 2019। इस योजना की कुछ बानगी देखें- ई स्वास्थ्य, ई शिक्षा, ई