Valentines Day History वैलेंटाइन डे का इतिहास, क्या है वैलेंटाइन डे – Horrifying Facts of Valentine Day in Hindi

14 February, साल की ये खास तारीख जिसका जवाँ दिल बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। वैसे तो ये दिन पूरे विश्व में अपनी खास पहचान बना चुका है पर इसके हक़ीक़त का शायद ही किसी को पता हो। रोम से निकल कर यूरोपीय देशों, फिर धीरे – धीरे इस्लामिक देशों और भारत समेत अन्य एशियाई देशों में अब ये 14 February की तारीख बड़े धूम धाम से मनाई जा रही है जिसमें मुख्यरूप से नौजवान लड़के लड़कियों की ही भागीदारी है।

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आपको पता है इस 14 February की तारीख को किसके नाम से celebrate किया जाता है ? उनका नाम है बाबा Valentine, आप सोच रहे होंगे कि मैंने बाबा क्यों कहा ; असल में वो बाबा ही थे “Saint Valentine” St Valentine भी कहते हैं कुछ लोग। St Valentine एक रोमन पुजारी थे जिनका स्वभाव बहुत दयालु था और प्रेम एवं मानवता में विश्वास रखते थे।

प्रथम कहानी :

आईये बाबा Valentine की कहानी को जानते हैं – इस कहानी की शुरुआत होती है रोम से , 3rd century A.D की बात है ये उस दौर में रोम का शाशक (सम्राट) ” Claudius II ” था ; इसके शाशन के दौरान रोम उथल-पुथल कि स्थिति से गुजर रहा था वजह थी अन्य सम्राटों का आक्रमण। लगातार हो रहे आक्रमण से Claudius II की सेना कमजोर पड़ चुकी थी , उसके सिपाहियों में अब लड़ने का दम खम बचा नहीं था। लगातार कमजोर होती सेना से Claudius II घबरा गया और फरमान सुनाया कि उसके सिपाही विवाह नहीं करेंगे क्योंकि Claudius II का ऐसा मानना था की अविवाहित पुरुष विवाहित पुरुष के मुकाबले ज्यादा बलवान होता है अतः उसनें विवाह पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगा दिया। एक तरफ Claudius II का साम्राज्य खून और लाशों से पटा जा रहा था दूसरी ओर विवाह प्रतिबन्ध के फरमान से बहुत लोग उसके खिलाफ भी हो गये।

इसी घटना से वैलेंटाइन का जिगर किया जाता है चूंकी Valentine रोम के पुजारी थे अतः उन्होंने Claudius॥ का ये फरमान मानने से इंकार कर दिया। St Valentine का ऐसा मानना था कि प्रेम और विवाह तो भगवान् का दिया हुआ उपहार है। बाबा Valentine चोरी चुपके विवाह कराने लगे काफी समय तक वो Claudius॥ नज़रों से बचे रहे परंतु जब सम्राट को ये बात पता चली तो उसनें वैलेंटाइन को गिरफ्तार करने का आदेश दिया और बाद में ” St Valentine ” का सिर 14 February के दिन कलम करवा दिया गया। उनके मृत्यु के इस दिन को St Valentines Day के रूप में मनाया जाने लगा ।

एक अन्य कहानी के अनुसार:

रोमन पागल और वहशी स्वभाव के थे जो प्रतिवर्ष February 13 से 15 तक अपना एक खास त्यौहार celebrate किया करते थे जिसका नाम था ” Lupercalia ” ; इस पर्व में पुरुष रोमन बकरी और कुत्तों की बली देते थे, बाद में मरे हुए जानवरों की खाल से वो रोमन स्त्रियों को पोछते थे। इस दौरान पुरुष एवं महिला दोनों ही निर्वस्त्र होकर शराब के नशे में झूमते रहते थे। जवान रोमन महिलाएं एक लाईन में में खड़ी हो जातीं थी और पुरुष उनको पीटते थे। उनकी ये धारण थी की ऐसा करने से पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन छमता में वृद्धि होगी।

इस क्रूर उत्सव का एक पहलू और था जिसमें एक लॉटरी प्रथा भी थी जिसका नाम ” Matchmaking Lottery ” रखा गया था। इस प्रथा के अनुसार महिलाओं के नाम को लिखकर उसे एक बंद जार में डाल दिया जाता था फिर एक – एक मर्द उस जार के पास जाते और अपने हाथ से जार में से एक नाम निकालते। जो नाम जिस महिला से मिलता वे फिर उससे सम्बन्ध बनाते थे या अपनी इच्छा से विवाह भी कर सकते थे।

सम्राट Claudius II का जिग्र यहाँ भी आता है पर यहां कहानी थोड़ी अलग है – कहा जाता है कि सम्राट Claudius II नें दो मर्दों को मौत के घाट उतारा था, दोनों ही मरने वाले मर्दों का नाम Valentine था जिनको 14 February के ही दिन पर 3rd century A.D. के अलग-अलग वर्ष में मारा गया था। बाद में Catholic Church के द्वारा मरे हुए दोनों ही मर्दों की शहादत के सम्मान में Valentine Day की घोषणा की गई। इसके उपरांत Pope Gelasius I के द्वारा 5th Century में पर्व Lupercalia के साथ St Valentine’s की शहादत के celebration को निष्काषित कर दिया।

बाद में इस त्यौहार के मूल कारण को छुपा कर इसकी एक नाटकीय व्याख्या कर दी गई फिर ये पर्व सिर्फ शराब पीना और नशे का आनंद लेने तक ही सिमित रह गया । किन्तु कुछ समय के उपरांत ही ईसाई समुदाय नें इस पर्व को असल में प्रेम मोहब्बत की पहचान दे दी। लगभग इसी समय फ्रांस के Normans समुदाई भी Galatin’s Day celebrate किया करते थे , Galatin का मतलब था “Lover of Women” जो की संभवतः St Valentine Day के साथ confusion भी पैदा करता है क्योंकि ये दोनों Galatin’s Day और St Valentine Day का सन्दर्भ एक ही था।

अब तक भी Valentine Day को उतनी प्रसिद्धि नहीं मिली थी पर जब Chaucer and Shakespeare जैसे लेखकों नें Valentine Day का उल्लेख अपने लेखन में किया तब ये दिन पूरे Britain and the rest of Europe में प्रसिद्ध हो गया। फिर क्या था इसकी प्रसिद्धि और युवाओं का रुझान देखकर इसे एक व्यवसाय के रूप में प्रस्तुत कर दिया गया और फिर सिलसिला शुरू हुआ handmade cards का, सन 1913 में Kansas City “Mo.” के पहचानपत्र में बड़े पैमाने पर उत्पाद Valentines शुरू किया।

तब से लेकर आज तक 14 February काफी बदल गई अब Valentines Day एक बहुत बड़ी Industry और Business का हिस्सा बन चुकी है , इस दिन बड़े पैमाने पर Greeting Cards , Gifts और अन्य सामग्रियों की बिक्री होती है जो कि ईसाईयों का प्रमुख उद्देश्य भी यही था तभी तो उन्होंने इस खुनी पर्व की व्याख्या को पूरी तरह बदल दिया और युवाओं को प्रेम जाल का लोभ देकर उनसे खूब पैसे भी बनाये और आज तक बनाते आ रहे हैं।

” हिंदुस्तान के युवा भी अब इस पर्व का हिस्सा बन चुके हैं उन्हें शायद ही इसके असल रूप का ज्ञान हो। प्रेम के इस फूहड़ खेल में कम उम्र में ही युवक और युवतियां गलत रास्ते पर जा रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रेम का सही अर्थ पता ही नहीं है। हमारी हिंदी सिनेमा और टी वी पर आने वाले धारावाहिकों नें Valentines Day को और बुलंदियों पर पहुंचा दिया है। किस तरह अंग्रेज़ों नें एक उल्लू के पट्ठे की मृत्यु को शहादत का रूप दिया और फिर इसे व्यवसाय में परिवर्तित कर दिया। मनाते रहिये Valentines Day और करते रहिये अपनी संस्कृति का कचरा। “