रिश्ते नाते Relationships – India, भारत में रिश्ते नाते व प्यार मोहब्बत Archive

बच्चों से दूर होते माँ बाप – मतभेद का दोषी कौन ?

किसी वृद्ध पुरुष और वृद्ध महिला को देखकर हमारे मन में उनके प्रति एक मोह उमड़ आता है। यह मोह तब और गहरा हो जाता है जब आपको पता चले कि इनका बेटा इनको अकेला छोड़ कहीं दूर शहर या परदेस में रहता है। बिना हक़ीक़त और सच्चाई को जाने समाज के लोग उसके

अपना जीवनसाथी चुनने से पहले रखें इन बातों का ख्याल

आजकल के वक्त में रिश्ते बहुत तेजी से बदल रहे हैं, ऐसा अक्सर होता है कि जो लोग ज्यादा वक्त तक एक दूसरे के साथ रहकर खुश नहीं रह पाते लेकिन यह तो मानव जीवन का सच है कि परिवर्तन होना अनिवार्य है। लेकिन उससे ज्यादा जरूरी भी कुछ है तो वह है की

पारिवारिक रिश्ते नातों में परख नहीं सम्मान का होना जरूरी

“परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता” स्वर्गीय श्री जगजीत सिंह जी की बेहद ही खूबसूरत गजल जो कि हमारे जीवन मे बिल्कुल सटीक बैठती है। चूँकि मनुष्य बहूत ही स्वार्थी होता है, हर पल उसे अपने “मैं” की चिंता लगी रहती है; वह जीवन मे स्वयं को सबसे उच्च स्थान देता है

प्रेम के असल मायने

आज का दौरा असीम सुविधाओं का दौर है। इस दौर में सब कुछ इतना अधिक सुविधाजनक हो गया है कि प्रेम भी सुविधाओं पर ही आश्रित होता चला जा रहा है। एक नज़र से देखा जाए तो ऐसा होना लाज़मी भी है, क्योंकि जब कोई चीज सुविधाजनक नहीं होती तो वह संघर्षपूर्ण हो जाती

दोस्ती एक अलग जिंदगी है

‘मित्रता दिवस Happy Friendship Day’ ; 5 August 2018 इस विश्व के तमाम रिश्तों में से एक अतुलनीय रिश्ता है दोस्ती । एक बेहतरीन Dosti Yaari से ज़्यादा खूबसूरत इस दुनिया में और कोई रिश्ता हो ही नहीं सकता, क्योंकि दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है जिसे हम खुद चुनते हैं या यूँ कहा

टूटते बिखरते पारिवारिक रिश्ते

टूटते बिखरते पारिवारिक रिश्ते ! आखिर क्यों ? भारतीय समाज में संयुक्त परिवार की प्रथा रही है फिर आखिर ऐसा क्या हो गया की एक संयुक्त परिवार विखंडित होने लगा और आज के आधुनिक परिवेश में तो सब कुछ बिखर चुका है। क्या परिवार का विखंडित होकर रहना सच में एक दोष है ?

क्योंकि उनके पास भी जज़्बात हैं

कहते हैं कुछ एहसासों को ज़ाहिर करने का कभी कोई सही वक्त नहीं आता। उन्हें जब भी जाहिर कर दिया जाए तभी सही वक्त बन जाता है क्योंकि इन एहसासों के ज़ाहिर होने की गुंजाईश बहुत कम होती है, या यूं कहें कि ना के बराबर होती है। आज ऐसा ही एक एहसास मेरे

सच्चे प्यार की तलाश होगी तब पूरी, जब साथी में दिखेंगी यह निशानियां

Kya Apko Bhi Hai Sachche Pyar Ki Talash ? आजकल की, भागदौड़ की जिंदगी में हर कोई पैसा कमाने के पीछे इस तरह से व्यस्त हो गया है, कि उसे अपनी सेहत और जिंदगी का ख्याल ही नहीं है। परंतु जब कभी भी उसे अकेलापन महसूस होता है, तो उसे ख्याल आता है कि

वृद्ध माँ-बाप बोझ या हमारी जिम्मेदारी – क्या हैं उनके कानूनी अधिकार

“माली” जो  अपनी बगिया सजाता है अपने हाथों से एक नन्हा सा बीज बोता है; दिन-रात उसकी देखभाल करता है,पानी देता है,खाद देता है ताकि वह एक नन्हा सा बीज सूख ना जाये। देखते ही देखते एक दिन वह नन्हा सा बीज पौधे में तब्दील हो जाता है। माली फिर उस एक बीज से

गाँव की यादें और शहरी जीवन – Gaon Se Shahar मेरे माता पिता और उनकी यादें जिन्हें छोड़ शहर आया पैसा कमानें

मैं आज अपने घर परिवार से दूर एक अजनबी शहर में आ गया वजह था पैसा। एक अति-निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के लिये पैसे कि अहमियत क्या होती है ये मुझसे बेहतर भला कौन जान सकता था। दादाजी किसान और पिता जी कचहरी में एक साधारण typist थे ; माताजी के बारे में क्या कहूँ